क़ुरबानी किस पर वाजीब और कितनी कीमत पर वाजिब ?

क़ुरबानी किस पर वाजीब और कितनी कीमत पर वाजिब ?

🔴आज का सवाल नंबर ३२३१🔴

क़ुरबानी किस पर वाजिब है ? पूरी तफ्सील बताइये।

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

हर वह शख्स जो मुस्लमान आक़िल बालिग़ मुक़ीम हो और उस के पास क़ुरबानी के दिनों १० ज़िल हिज्ज से १२ वी ज़िल्हिज्ज के गुरुबे आफताब तक
नए तोले के एतबार से सवा इकसठ (६१.२५) तोला चांदी याने ६१२ ग्राम, ३५० मिलीग्राम चांदी की कीमत, ०९ ज़ी क़दह १४४४ हिज़री, अंग्रेजी तारीख ३०/०५/२०२३ को इंडिया में निसाब ४४४५०/– रूपये का तिजारती और ज़रुरत से ज़ाईद माल सामान क़र्ज़े की अदायगी के बाद मव्जूद हो,
या १२ वी ज़िल्हिज्ज के गुरुबे आफताब से पहले इतना माल कहीं से आ जाए, तो उस पर क़ुरबानी वाजिब है.

नोट

१.क़ुरबानी के निसाब पर साल गुज़रना ज़रूरी नहीं.

२. कुरबानी वाजिब होने के लिए माल का तिजारती (बेचने की निय्यत से खरीदा हुआ) होना शर्त नहीं, ज़रूरत से ज़ाईद होना ही काफी है।

३.क़ुरबानी वाजिब करने के निसाब में ३ जोड़ी से ज़ाइद कपड़ों को, २जोड़ी से ज़ाइद जुटे चप्पल को, शोकेष और उस के ज़ीनत के तमाम सामान को, प्रोग्राम देखने का टीवी, एक्सट्रा प्लाट वगैरह जो बेचने की और इस्तेमाल की चीज़ें नहीं उन की क़ीमत भी शुमार की जाएगी।

و الله اعلم بالصواب

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.