ताड़ी-भांग का हुक्म




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ताड़ी-भांग का हुक्म

⭕आज के मसाइल नो।३४२०⭕

ताड़ी का सिरकह जो ताड़ी को सूखा कर बनाया जाता है , वह जाइज़ और ताड़ी क्यूँ हराम है?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا مسلما

ताड़ी में नशा न हो तो जाइज़ है. सिरकह बन जाने के बाद नशा नहीं रहता इसलिए जाइज़ है ताड़ी में नशा होने से पहले इस्तेमाल कर ले तो मना नहीं है।

चार किश्म की शराब ऐसी है के उस का एक क़तरा भी हराम और नापाक है नशे हो या न हो  वह शराब तनहा हो या किसी चीज़ के साथ मिली हुई हो सब का एक ही हुक्म है।

📗फ़तवा महमूदिया १८/१८५

📘बहवा रद्दुल मुहतार किताबुल हुदूड़

و الله اعلم بالصواب

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.