निक़ाह की इजाज़त के वक़्त गवाह बनाना




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निक़ाह की इजाज़त के वक़्त गवाह बनाना

⭕आज का सवाल नो।३४१५⭕

लडकी घर हो और उस से इजाज़त लेने के वक़्त गवाह होना ज़रूरी है ?

🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما

✪ लड़की अगर मजलिसे अक़्द में मोजूद न हो बल्कि घर में हो तो ऐसी सूरत में उमूमन लड़की के वालीद, चचा या मामु वगेरा कोई मेहरम रिश्तेदार इजाज़त लेते हे. फिर मजलिसे अक़्द में निक़ाह पढाने वाले को वो इजाज़त मुन्तक़िल-ट्रांस्फर की जाती हे.

✪ लड़की से इजाज़त तलब करते वक़्त गवाहों का मोजूद होना मुस्तहब हे, ज़रूरी नहि, गवाह भी लड़की के महरम हो तो ही मुस्तहब है।

लिहाज़ा हमारे मुआशरे में जो नामहरम गवाह लड़कियों के मजमे’अ में घुस जाते है ये बिलकुल जाइज़ नहि।

⇛ अलबत्ता निक़ाह पढाते वक़्त दो (२) गवाहों की मौजूदगी ज़रूरी हे, जो ऐजाब व् क़ुबूल के अलफ़ाज़ को सुने और सम्झे,ओर उस वक़्त तो मजमा अक्सर होता ही है।

📗 बा- हवाला दुर्रे मुख्तार

📘इज़्दिवाजी ज़िंदगी के सर’ई मसाइल और उनका हल, ४३
و الله اعلم بالصواب

✏हक़ का दाई अन्सार अहमद

✅तस्दीक़  तसहीह व इज़ाफ़ा

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.