निकाह पढ़ाने की उजरत का हुकम








निकाह पढ़ाने की उजरत का हुकम

⭕आज का सवाल नो।३३३९⭕

कया निकाह करने के लिए उजरत लेना जाइज़ है या ना जाइज़?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا مسلما

निकाह ख्वानी की उजरत क़ाज़ी(निकाह पढ़नेवाले) और बुलाने वाले की आपसी रजामंदी से लेना जाइज़ है, और अगर उजरत तैय नहीं है, तो जो उर्फ़-वहां का रिवाज हो उस का ऐतिबार होगा। ।

📗(फतावा हिन्दीया ३/३४५)

و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.