નાપાક ચરબીવાલા સાબુન
⭕ આજ કા સવાલ નંબર. ૯૨૨ ⭕
ખીંઝીર (સુવર/ડુકકર) યા કીસી ઐસે હરામ જાનવર કી ચરબી સે બનાયે હુએ સાબુન ઔર ક્રિમ કી તિજારત ઔર ઉસકે ઇસ્તેમાલ કા કયા હુકમ હૈ.?
અગર નાજાઇઝ હૈ તો આજતક કી આમદની કા કયા કીયા જાયે.?
ઔર ઉસ આમદની સે ઝકાત ખૈરાત અદા કી ઔર હજ ભી કીયા તો ઇસકા કયા હુકમ હૈ.?
🔵 જવાબ 🔵
ખીંઝીર કી ચરબી યા કીસી નાપાક ચરબી સે બનાયે હુએ સાબુન તિજારત તો બિલાકરાહતો બિલાઇખ્તિલાફ જાઇઝ હૈ ઔર ઇસ્તેમાલ ભી મુફતાબીહ કૌલ કે મુતાબીક જાઇઝ હૈ.
લેકીન
યેહ જવાઝ કા હુકમ ઉસ વકત હોગા જબ ઉસકી હકીકત બદલ ગઇ હો, જબતક હકીકત નહિં બદલી હોગી ઉસ વકત તક ચરબી નાપાક હી સમઝી જાયેગી ઔર ઉસકા ઇસ્તેમાલ ઔર તિજારત નાજાઇઝો હરામ હોંગે.
ઇસ મામલે મેં ઇમામ અબુ યુસુફ (રહ.) કા ઇખ્તિલાફ હૈ, ઇસલીયે જબ યકીન હો કે ઇસ સાબુન મેં ખીંઝીર કી ચરબી યા નાપાક ચરબી ભી પડી હુઇ હૈ તો ઇસકે ઇસ્તેમાલ સે બચના હી અવલા ઔર બહેતર હોગા, ઇસી મેં તકવા હૈ. અલબત્તા મકરૂહ ઔર નાજાઇઝ નહિં હોગા.
📗 દુર્રે મુખ્તાર શામી ૨/૨૯૧.
ઇસ સાબુન ઔર ક્રિમ કી તિજારત જબ જાઇઝ હોગી તો ઉસસે હાસીલ હોનેવાલી આમદની ભી હલાલ હોગી ઔર ઉસસે હજ, ઝકાત વ ખૈરાત સબ જાઇઝ હોગા.
📗 નિઝામુલ ફતાવા ૩/૯૪.
સાબૂન કી શકલો સુરત બદલ જાને કી વજહ સે સાબુન કો પાક સમજા જાયેગા અકસર સાબુન મેં નાપાક ચરબી આતી હી હૈ ઇસલીયે યહાઁ ઇમામ મુહમ્મદ કે કોલ પર ફતવા હૈ
📘ફતવા મહમૂદિયહ ડાભેલ 18/395
📝 મુફતી ઇમરાન ઇસ્માઇલ મેમણ.
🕌 ઉસ્તાદે દારૂલ ઉલુમ રામપુરા, સુરત, ગુજરાત, ભારત.
हराम चरबीवाला साबुन & क्रीम
⭕आज का सवाल नंबर ९२२⭕
ख़िन्ज़ीर या किसी हराम जानवर की चरबी से बनाये हुवे साबुन और क्रीम की तिजारत और उसके इस्तेमाल का क्या हुक्म है ?
अगर ना जाइज़ है तो आज तक की आमदनी का क्या किया जाए ?
और उस आमदनी से ज़कात खैरात अदा की और हज भी किया तो इसका क्या हुक्म है ?
🔵जवाब🔵
ख़िन्ज़ीर की चरबी या किसी नापाक चरबी से बनाये हुवे साबुन और क्रीम की तिजारत तो बिला कराहट ओ बिला इख़्तिलाफ़ जाइज़ है.
और
इस्तेमाल भी मुफ्ता बीच क़ोल के मुताबिक़ जाइज़ है
लेकिन
ये जवाज़ का हुक्म उस वक़्त होगा जब उसकी हकीकत बदल गयी हो.
जब तक हकीकत नहीं बदली होगी उस वक़्त तक चरबी नापाक ही समझी जायेगी और उसका इस्तेमाल और तिजारत ना-जाइज़-ओ-हराम होगी
इस मसाले में इमाम अबू युसूफ रहमतुल्लाह अलय्ह का इख़्तिलाफ़ है इसलिए जब यक़ीन हो के इस साबुन में ख़िन्ज़ीर की चर्बी या नापाक चरबी भी पडी हुवी है तो इसकी इस्तेमाल से बचना ही अवला और बेहतर होगा इसी में तक़्वा है.
अलबत्ता मकरूह और ना जाइज़ नहीं होगा.
📗दुर्रे मुख्तार शामी २ / २९१
इस साबुन और क्रीम की तिजारत जब जाइज़ होगी तो उससे हासिल होने वाली आमदनी भी हलाल होगी.
और उससे हज-ओ-ज़कात-ओ-खैरात सब जाइज़ होगा
📗निज़ामुल फतावा ३ / ९४
हैय्अत:शक्लो सूरत बदल जाने की वजह से साबुन पाक हो जायेगा ये इमाम मुहम्मद कौल है इसी पर फतवा है
📘फतवा महमुदिया डाभेल 18/205 बहवाला बहरूर राईक 1/395
📝मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन.
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
مردار کی چربی کاصابون اور کریم
⭕AAJ KA SAWAL NO. ۹۲۲⭕
خنزیر یا کسی حرام جانور کی چربی سے بنائے ہوئے صابون اور کریم کی تجارت کا اور اس کے استعمال کا کیا حکم ہے?
اگر نا جائز ہو تو آج تک کی آمدنی کا کیا کیا جائے اور اسی آمدنی سے زکوۃ،خیرات ادا کی اور حج بھی کیا تو اس کا کیا حکم ہے?
🔵جواب 🔵
خنزیر کی چربی یا کسی ناپاک چربی سے بنائے ہوئے صابون اور کریم کی تجارت تو بلا کراہیت و بلا اختلاف جائز اور استعمال بھی مفتی بہ قول میں جائز ہے لیکن اس قول جواز کا مدار انقلاب ماہیت پر ہے یعنی ناپاک چربی ماہیت۔اصلیت بدل کیئ تو استعمال جائز ہوگا اگر ماھیت۔اصلیت جب تک نہیں بدلی ہوگی تب تک وہ چربی نجس العین ہے اس کا استعمال اور تجارت نا جائز ہوگی اس میں امام ابو یوسف رحمت اللہ علیہ کا اختلاف ہے، اس لئے جب یقین ہو جائے کہ اس صابون میں خنزیر کی چربی یا ناپاک چربی بھی پڑی ہے تو اس کے استعمال سے احتراز کرنا اولی اور تقوی ہوگا – مکروہ یا ناجائز نہ ہوگا –
كما في الدر المختار علي هامش الشامي. رقم الجلد 2 رقم الصفحة 291 (١) و يطهر زيت تنجس بجعله صابونا به يفتي للبلوي وتحته في الشامي ثم هذه المسألة قد فرعوها علي قول محمد رحمه الله بالطهارة بانقلاب العين الذي عليه الفتوي و اختاره أكثر المشائخ خلافا لأبي يوسف الخ ( وأيضا في الدرر في مقام آخر ) و لا ملح كان حمارا أو خنزير ولا قذر وقع في بئر فصار‘’ حمأة لانقلاب العين به يفتي
اس صابون اور کریم کی تجارت وغیرہ جب جائز ہوگی تو اس سے حاصل شدہ آمدنی حلال و پاکیزہ ہوگی اور حج زكوة خیرات جب جائز ہوگی تو اس سے حاصل شدہ آمدنی حلال و پاکیزہ اور حج زكوة خیرات وغیرہ سب درست ہوگا
✏مفتی عمران اسماعیل میمن استاذ دار العلوم رامپورہ سورت گجرات انڈیا رومن اوردو میں مسائل کے لئے دیکھیں
📗نظام الفتاوی ۳/۹۴
Haraam Charbiwala Sabun & Cream
⭕Aaj kaa sawal number 922⭕
Khinzeer yaa kisee haraam jaanwar ki charbee se banaye huwe saabun aor creem ki tijarat aor uske istemaal kaa kha hukm hai?
Agar naa jaaiz hai to aaj tak ki aamdani kaa kyaa kiyaa jaay?
Aor us aamdani se zakaat khairaat adaa kee aor haj bhi kiyaa to iskaa kyaa hukm hai?
🔵Jawab🔵
Khinzeer kee charbee yaa kisee naapaak charbee se banaaye huwe saabun aor creem ki tijarat to bilaa karaahat o bilaa ikhtilaaf jaaiz hai
Aor
Istemaal bhi muftaa bih qaol ke mutabiq jaaiz hai
Lekin
Ye jawaz kaa hukm uswaqt hogaa jab uskee haqeeqat badal gayee ho
Jabtak haqeeqat nahi badli hogee uswaqt tak charbee naapaak hi samjhee jaaygi aor uska istemaal aor tijaarat naa jaaiz o haraam hogee
Is masale me IMAM ABU YUSUF rahmatullahialyh kaa ikhtilaaf hai isliye jab yaqeen ho ke is saabun me khinzeer kee charbee yaa naapaak charbee bhi padee huwee hai to iski istemaal se bachnaa hi awlaa aor behter hogaa isee me taqwaa hai
Albatta makrooh aor naa jaaiz nahi hogaa
📗Durre mukhtaar shaami 2/291
Is saabun aor creem kee tijaarat jab jaaiz hogee to usse haasil hone waali aamdani bhi halaal hogee
Aor usse haj o zakaat o khairaat sab jaaiz hogaa
📗NIZAMUL FATAWA 3/94